
विरनो (गाजीपुर):
रिपोर्ट सुनील गुप्ता
गाजीपुर जनपद के लिए एक बार फिर गौरव की घड़ी आई जब जिले के होनहार खिलाड़ियों ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की धरती पर आयोजित राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 बहुमूल्य पदक अपने नाम किए। इन विजयों के साथ इन युवाओं ने न केवल अपने गांव और जिले, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है।
वापसी पर गाजे-बाजे से हुआ भव्य स्वागत
प्रतियोगिता से लौटने पर जब ये खिलाड़ी अपने गांव पहुंचे तो मानो पूरा क्षेत्र उत्सव के रंग में रंग गया। गाजे-बाजे, डीजे और फूल-मालाओं के साथ ग्रामीणों ने जीत का जश्न मनाया। चहुंओर “भारत माता की जय, वंदे मातरम्” और “शहीद कमलेश सिंह अमर रहें” जैसे नारों की गूंज से वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो गया।
शहीद को समर्पित की गई जीत
इन विजयी खिलाड़ियों ने गांव पहुंचकर सबसे पहले विरनो थाना परिसर स्थित शहीद कमलेश सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और इस ऐतिहासिक जीत को देश के इस वीर सपूत को समर्पित किया। इस भावुक क्षण में हर आंख गर्व से नम हो गई।
विजेता खिलाड़ी और उनकी गौरवशाली उपलब्धियां
इस प्रतियोगिता में गाजीपुर के विभिन्न ब्लॉकों से चुने गए निम्नलिखित खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए जिले को गौरवान्वित किया:
1. जया दुबे — ग्राम ब्रह्मपुरा, विकासखंड करंडा
42 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक
2. प्रांजल दुबे — ग्राम खड़बा डीह, विकासखंड मनिहारी
44 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक
3. ज्ञानेंद्र कुमार बिंद — ग्राम व पोस्ट अब्दुल सत्तार
50 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक
4. आयुष वर्मा — ग्राम पिरथीपुर, विकासखंड विरनो
48 किलो भार वर्ग में रजत पदक
5. अभिनव भारद्वाज — ग्राम व पोस्ट भड़सर, विकासखंड विरनो
64 किलो भार वर्ग में रजत पदक
(ये श्यामसुंदर पहलवान के सुपुत्र हैं, जो स्वयं एक प्रसिद्ध पहलवान रहे हैं।)
जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने की सराहना
खिलाड़ियों की इस उपलब्धि पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों, पूर्व सैनिकों, प्रधानों व गणमान्य नागरिकों ने गहरी खुशी व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। लोगों ने कहा कि ये युवा न सिर्फ जिले का भविष्य हैं, बल्कि देश का भी गौरव हैं।
खेलों के प्रति बढ़ती जागरूकता का परिणाम
स्थानीय खेल प्रेमियों और कोचों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के प्रति बढ़ती जागरूकता, कोचिंग सुविधाओं में सुधार और युवाओं की मेहनत व लगन का ही परिणाम है कि अब छोटे गांवों से निकलकर बच्चे राष्ट्रीय मंच पर दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।