
रिपोर्ट: सुनील गुप्ता
गाज़ीपुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में अब पुराने ढर्रे की कार्यशैली बीते दिनों की बात हो गई है। नए ARTO सुधांशु रंजन के नेतृत्व में दफ्तर में अनुशासन और पारदर्शिता की हवा बहने लगी है। जहां पहले दलालों का बोलबाला था, अब वहां नियम-कायदे का राज चल रहा है।
बिचौलियों की बढ़ी टेंशन, कार्रवाई तेज
परिवहन कार्यालय के आसपास मंडराने वाले दलालों पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है। एक विशेष निगरानी दस्ते की तैनाती कर कुछ संदिग्धों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इससे बिचौलियों में हड़कंप मच गया है और आम लोगों को राहत महसूस हो रही है।
वाहन मालिकों के लिए अलर्ट जारी
ARTO ने स्पष्ट कर दिया है कि सड़क पर वही वाहन चलेंगे जिनके पास पूरे दस्तावेज़ सही और वैध होंगे। बीमा, पंजीकरण, फिटनेस और परमिट – सभी कागज़ात दुरुस्त न होने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई तय है। वाहन स्वामियों को सलाह दी गई है कि समय रहते जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर लें।
‘हेलमेट कोई शौक नहीं, सुरक्षा है’ – दोपहिया चालकों के लिए सख्ती
दोपहिया चलाने वालों के लिए साफ संदेश है – नकली या स्टाइलिश दिखने वाला हेलमेट अब नहीं चलेगा। केवल ISI मार्क वाला असली हेलमेट ही मान्य होगा। पकड़े जाने पर न सिर्फ जुर्माना बल्कि लाइसेंस निलंबन तक की नौबत आ सकती है।
अब तकनीक से चलेगा काम, लाइन में लगना पुरानी बात
गाज़ीपुर ARTO कार्यालय में सेवाओं का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। आवेदन से लेकर प्रमाणन तक की प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन होंगी और हर कदम पर पारदर्शिता बनी रहेगी। आमजन को सलाह दी गई है कि वे एजेंट या दलालों पर निर्भर न रहें, खुद प्रक्रिया को अपनाएं और समय की बचत करें।
नया दौर, नई उम्मीद
गाज़ीपुर का परिवहन दफ्तर अब बदलाव की राह पर है – जहां कागज़ से पहले ईमानदारी की जांच होती है और व्यवस्था के नाम पर अब सिस्टम सच में काम कर रहा है।