
जखनियां ब्लॉक का “आमारी” ग्राम सभा बना चर्चा का केंद्र, विकास के मामले में बना मिसाल — प्रधान प्रतिनिधि कमलेश चौहान की भूमिका सराहनीय
गाजीपुर, जखनियां:
ग्राम विकास की जब भी चर्चा होती है, तो गाजीपुर के जखनियां ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा “आमारी” का नाम अपने आप चर्चाओं में आ जाता है। जहां एक ओर जिले के कई अन्नपूर्णा भवन, अमृतसरोवर, पंचायत भवन आज भी अधूरे पड़े हैं, वहीं इस पंचायत भवन न सिर्फ पूर्ण रूप से तैयार है, बल्कि अपनी आकर्षक बनावट और कम लागत में उत्कृष्ट निर्माण के लिए पूरे ब्लॉक में मिसाल बन गया है।
अन्नपूर्णा भवन, अमृतसरोवर ,पंचायत भवन बना मॉडल:
“आमारी” अन्नपूर्णा भवन, अमृतसरोवर,पंचायत भवन देखने में किसी मिनी सरकारी दफ्तर से कम नहीं। साफ-सफाई, सुव्यवस्थित बैठने की व्यवस्था और जरूरतमंदों के लिए सुविधाएं देखकर हर आने वाला व्यक्ति एक ही बात कहता है — “ऐसा अन्नपूर्णा भवन, अमृतसरोवर,पंचायत भवन तो जिले भर में कहीं नहीं!” स्थानीय लोगों का कहना है कि इस भवन ने ग्राम सभा की पहचान ही बदल दी है।
विकास के लिए समर्पित नेतृत्व:
जब इस सराहनीय कार्य के पीछे की सोच को जानने की कोशिश की गई, तो एक नाम सबसे ऊपर उभरा — कमलेश चौहान, जो कि वर्तमान प्रधान प्रतिनिधि हैं। ग्रामीणों से बातचीत में साफ झलकता है कि कमलेश चौहान न केवल गरीबों और जरूरतमंदों के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं, बल्कि ग्राम विकास योजनाओं को जमीन पर उतारने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
अधूरे कामों को मिली मंजिल:
कमलेश चौहान से जब हमारे संवाददाता ने उनके चुनावी मुद्दों और प्राथमिकताओं के बारे में पूछा, तो उन्होंने बिना लाग-लपेट के कहा —
जो काम वर्षों से अधूरे पड़े थे, जिन्हें लोग उम्मीद भी छोड़ चुके थे, मैंने उन्हें पूरा करवा कर साबित किया कि इच्छा शक्ति हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं। मेरा मकसद सिर्फ एक है — हर गरीब, हर महिला, हर आशा बहन को उसका अधिकार मिले और ग्राम पंचायत आत्मनिर्भर बने।”
गरीबों की आवाज बने चौहान:
ग्राम सभा के कई निवासियों ने बताया कि जब भी किसी गरीब को राशन, इलाज या कोई सरकारी योजना की जरूरत होती है, तो सबसे पहले कमलेश चौहान ही सामने आते हैं। खासतौर पर आशा बहुओं और विधवा महिलाओं के लिए उन्होंने योजनाओं की सीधी पहुँच सुनिश्चित की है।
विपक्ष भी कर रहा सराहना:
चौंकाने वाली बात यह है कि विपक्षी दलों के लोग भी अब “आमारी” ग्राम पंचायत की खुलकर सराहना कर रहे हैं। किसी ने कहा — “जिन कामों के नाम पर पहले सिर्फ कागज़ी घोड़े दौड़ते थे, वहां अब असल में ईंट-पत्थर जुड़ते दिख रहे हैं।”
“आमारी” ग्राम सभा अब सिर्फ एक पंचायत नहीं, बल्कि ग्राम विकास और प्रशासनिक दक्षता का मॉडल बनती जा रही है। और इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है – जनसेवा के प्रति समर्पित सोच और एक कर्मठ प्रतिनिधि, जो दिखावे नहीं, धरातल पर काम में यकीन रखता है।