
गाजीपुर
रिपोर्ट,, रिजवान अंसारी
वरिष्ठ समाजसेवी की मूर्ति स्थापित करने की लोगों ने किया मांग
गाजीपुर सैदपुर पीपनार कनेरी
जब कांग्रेसका एक क्रेज स्थापित है उसी समय नेताजी के नाम पर मुलायम सिंह यादव ने आंदोलन किया जिसके परिणाम स्वरूप 1992 में समाजवादी पार्टी की सदस्यता राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के सामने अस्थल टाउन एरिया सैदपुर पूर्वांचल के गांधी रामकरण दादा के नेतृत्व में पार्टी के सदस्यता लेकर सक्रिय रूप से काम करना शुरू की अर्जुन राय और खटाई राय ने ग्राम प्रधान जिला पंचायत सदस्य तथा समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष एक कई बार जेल में जाने का भी रिकॉर्ड बनाया उतना ही नहीं एक महीना तक आंदोलन को लेकर जेल में भी रहे। उतना ही नहीं उनकी धर्मपत्नी भी राय साहब के आंदोलन में साथ साथ रहकर समाजवादी महिला सभा के जिला उपाध्यक्ष और कई बार राय साहब के साथ जेल में रहे और आज उनके ही पुत्र आजाद राय जो पिता के नैतिक कर्तव्यों का बोध करते हुए राजनीतिक धरोहर समाजवादी को अपने हृदय से लगाते हुए पार्टी की सदस्यता यू काली जी की समाजवादी की गोद में खेल कर समाजवादी विचारधारा को आगे लेकर चलना शुरू कर दिए परिणाम स्वरूप जिला समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव लोहिया वाहिनी और साइकिल यात्रा में भी उन्होंने दिल्ली से पदयात्रा गाजीपुर तक पूर्वांचल के कई जनपदों में लेकर चले तथा लोहिया वाहिनी में जिला सचिव जनसभा के जिला उपाध्यक्ष तथा आज वर्तमान में समाजवादी पार्टी के जिला सचिव पद की शोभा बढ़ा रहे हैं, क्षेत्र के लोगों का यह मानना है कि समाजवादी पार्टी के इतने बड़े पुरोधा का एक मूर्ति दीनानाथ इंटर कॉलेज कोरमा में जिसका सदस्य 1982 में और लगातार उच्च विद्यालय के प्रबंध समिति का अध्यक्ष होकर विद्यालय के पठन-पाठन से लगाए समाज को ईमानदार नेतृत्व देते हुए कार्य किया उनकी मूर्ति की स्थापना उसी विद्यालय में लोग करना चाहते हैं जिसका अनावरण राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा फीता काटकर समाज को देने का लोग आंदोलन कर रहे हैं कह रहे हैं कि हमारे इस नेता का सम्मान होना चाहिए जो कि आज समाजवादी एक विचारधारा प्रेरणा का उदय हो सके। वहीं उनके पुत्र आजाद से पूछा गया तो आजाद राय ने बताया कि मेरे पिता के राजनैतिक पथ पर मैं लगातार समाजवादी पार्टी का दामन थाम कर चलता रहूंगा वही मेरी मां आज मुझे राजनैतिक तीरंदाज बना कर रखी है समय-समय पर समाजवादी विचारधारा को धार देने के लिए प्रेरणा देती रहती है और मेरा जन्म इसी राजनीतिक दल में हुआ है और कफन भी जैसे पिता को मिला उसी तरह जब तक मेरी सांस चलती रहेगी तब तक मैं पार्टी की सेवा और विचारधारा के साथ काम करता रहूंगा जहां तक मूर्ति लगाने की बात है कब तक अगर हमारे पिता ने अच्छा काम किया है तो मूर्ति लगने से समाजवादियों को एक नेतृत्व मिलेगा जिससे एकलव्य जैसा शिष्य पैदा हो सकते हैं इसलिए लोगों की मांग में मैं अपनी भी मांग को रखता हूं की अगर ऐसा हुआ तो मुझे भी अच्छा लगेगा।